आजकाल देखण नै मिलै
एक अणदेखी बात
पहले जका माणस
कोनी निकळता घर सूं
बङी-बङी वारदातां पर
बै भी आजकाल
बाहर आकर घर सूं
सङकां पर चालै
मोमबत्ती जला’र हाथां में
कामना करे शांति री
हङताल अर धरनै सूं
मांग करै गिरफ्तारी री
तोङफोङ करै।
के होवैलौ फिर
सजा कोनी मिलै
बरस बीतज्यै
कोई छूटज्यै जमानत पर
कोई छूटज्यै बिना सबूत पर
कांटै सूं कांटौ निकळै
लोह नै लोह ही काट सकै
भले ही बणाओ करङा कानून
ना रोक सकै है कानून
अपराधियां री दादागिरी
आं रै सिर पर रेवै
नेतावां रौ वरदहस्त
पार्टीयां नै चंदौ देणै रे वास्ते
जरुरत पङै अपराधियां री
पुलीस री भी जेब भरै
फेर क्यूँ बै कार्यवाई करै।
मिटाणौ है अगर
अपराधियां रौ अपराध
बणौ आप ही पुलीस अर
अदालत री किताब
आप ही करौ फैसलौ
आप ही द्यौ सजा
मारणो नहीं जान सूं
सुख ना पावै जिनगी में
रोवै याद कर-कर
आपरै करमां नै
सोच ना सकै फेर कद ही
अपराध करणै री
सिर उठाणौ ही पङसी
इब आम जनता नै
फेर ही बात बणसी
फेर ही सही फैसलौ होवैलौ।